- 23 June, 2006
आज की रात कुछ न कुछ तो ज़रूर होना है
चंद लफ्जों में इक कहानी जो पिरोना है
कुछ गीत कुछ नग्मेँ मैं लाई हूँ तेरे लिए
आज तेरे मेरे ख़्वाबों को सच जो होना है ।
अब क्यों डरें अपने इज़हारे मुहब्बत से हम
चंद लम्हों में दुनिया - सपने सलोना है....
बस अब यूँ उठ के मत जाना इस महफिल से
इस रूह से रूह के अंजुमन में
तेरे एहसासों से रोशन हर एक कोना है
आज की रात कुछ न कुछ तो ज़रूर होना है।

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